Thursday, November 5, 2009

wafa!!

हर वक़्त चेहरे पे आ जाकर
हमें रुसवा नहीं करते ,
हंसी जज्बात जाहिर
प्यार का किस्सा नहीं कहते
चले जाते हैं बेपरवाह
अपनी ही धुन में यारों
हम हर जगह अपने
प्यार का चर्चा नहीं करते
निगाहों में हमारे भी
रौशन लाखों सवेरे हैं
फिर भी किसी के दिल की दुनिया में
हम अँधेरा नहीं करते
भले ही दिल की दुनीया के हमें
हर राज़ मालूम हो
पर अपनी दोस्ती और वफ़ा की खातिर
उन्हें बेपर्दा नहीं करते
चाहते तो वफाओं का कुछ
ऐसा हश्र हम करते
की कश्तियाँ डूबती कितनी
इसका अंदाजा  नहीं रखते
पर तेरी वफाओं पर इस कदर इमां रखा है
की हर चोर नज़रों की हम परवाह नहीं करते |