Friday, July 23, 2010

siksha ke mandir ki ghinauni tasvir!

गुरु गोविन्द दोनों खड़े, काके लागु पाए
बलिहारी गुरु अपने गोविन्द दियो बताये
यह सूक्ति एक ऐसा शाश्वत सत्य है जिसे झुठलाने की कल्पना भी नहीं की जा सकती| हमारा देश अत्यंत प्राचीन काल से ही गुरु शिष्य परंपरा की मिशाल रही है| यहाँ विद्यादान को महादान मन जाता अहै और गुरु को इश्वर से भी श्रेष्ठ उपाधि दी जाती है| आज हमारे समाज में गुरु शिष्य परंपरा का जो हाल है वो अपने आप में एक ऐसी दास्ताँ बयां करता है की सुनने वालों के रौंगटे खड़े हो जाते हैं |

बाजारीकरण की इस दौर में जहाँ सभ्यता औरसंस्कृति को भी बिकाऊ माल की तरह प्रदर्शित किया जाता है, वहां शिक्षा भला इसका कोपभजन बनने से कैसे बचती | शिक्षा पद्धति, शिक्षा प्रणाली में बदल गयी और शिक्षा के मंदिर, स्कूलों में तब्दील हो गएँ | शिक्षा के रीढ़ की हड्डी को तोड़ कर उसे बाजारू बना दिया गया |

यहाँ तक तो ठीक था क्यूंकी हमें और हमारी शिक्षा पद्धति को प्रतिस्पर्धा के इस दौर  में अपना अस्तित्व बनाये रखना था | परन्तु आज शिक्षा के ये मंदिर घृणित कार्यों का ऐसा कर्यषेत्र बन गए हैं की इस पर थूकना भी अशोब्निया सा जान पड़ता है|

जो गुरु इश्वर से बढ़कर थे वो शैतान का ऐसा रूप धारण कर चुके हैं की मौत भी शर्मशार हो जाये | इन बुद्धिजीवियों के कृत्यों ने पूरे समाज को ये सोचने पर मजबूर कर दिया है की आखिर वो अपने बच्चो का पढने के लिए कहाँ भेजें |

हैदराबाद के पर्क्वुद स्कूल में जो भी घटा वो नीचता की ऐसी कहानी है जिसे बयां करना में भी शर्म आती है | मैंने भी स्कूल में पढाई की है सालों विद्यार्थी जीवन गुजरा है लेकिन कभी ऐसी नीचता नहीं देखि | पर्क्वूद स्कूल के प्रधानाचार्य के जो घीनौनी हरकत की है वो अशोभनीय ही नहीं अमानवीय भी है | ऐसे ही जयपुर के एक सरकारी स्कूल में ८ वीं कक्षा की छात्र के साथ वहां के तेअचेर ने जो दुष्कर्म किया है, वो समाज को एक ऐसा आएना दिखा रही है की हर इंसान की रूह काँप उठे |

आखिर किस अस्वाशन पर अभिभावक अपने बच्चो को इन स्कूलों में भेजें ? समाज के ऊँचे पायदान पर बैठे शिक्षक जो लड़कियों की शिक्षा के लिए लोगों को प्रोत्साहित कर रहे हैं, उनका कोई कैसे विस्वास करे? आखिर कब तक शिक्षा के मंदिरों में ये शोषण चलता रहेगा? क्यूँ सरकार और समाज इस दरिंदगी की दास्ताँ सुन के भी चुप बैठा है? कब तक मासूम प्रताड़ना झेलते रहेंगे? क्या इन शैतानो को कभी सजा नहीं मिलेगी?

यूँ तो इश्वर हर किसी को अपने किये की सजा देता है, लेकिन फिर भी इन आमंविया कार्यों से छुटकारा पाने के लिए आवाज़ उठानी होगी| इन दुष्कर्मियों को पूरे समाज के सामने ऐसी सजा देनी होगी की शैतान की रूह भी काँप उठे |